राज्य के उत्तर-दक्षिण हिस्सों की संपर्कता बढ़ाने के लिए ‘नारायणी-गंगा’ कॉरिडोर’ का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा विजय सिन्हा ने

पटना

बिहार के सियासी रण में अकेले राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही विकास के नाम पर सियासी तीर नहीं छोड़ रहे है। अब इस सियासी रण में उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा भी उत्तर चुके हैं। इस चुनावी ‘तीर’ से विजय सिन्हा ने राज्य के उत्तर-दक्षिण हिस्सों की संपर्कता बढ़ाने के लिए ‘नारायणी-गंगा’ कॉरिडोर’ का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है। यह कॉरिडोर के राज्य की संपर्कता और समृद्धि में मील का पत्थर साबित हो सकता है।

निशाने पर है बिहार का उत्तर दक्षिण क्षेत्र

बिहार के उपमुख्यमंत्री-सह-पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा का कहना है कि ‘नारायणी गंगा’ कॉरिडोर से राज्य में उत्तर से दक्षिण की ओर संपर्क सुविधा और भी बेहतर होगी। इसी जरूरत को देखते हुए केंद्र सरकार से एक नए ग्रीनफील्ड हाईस्पीड कॉरिडोर के तौर पर ‘नारायणी-गंगा कॉरिडोर’ का प्रस्ताव हम भेजने जा रहे हैं । इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए हम केंद्र सरकार से नारायणी-गंगा कॉरिडोर विकसित करने का आग्रह करने जा रहे हैं। इससे राज्य के उत्तर-पश्चिम कोने की सीधी संपर्कता दक्षिण-पश्चिम कोने से हो जाएगी।

निशाने पर कौन-कौन से क्षेत्र

इस प्रस्ताव के पास होने के बाद भोजपुर, सारण, सीवान, गोपालगंज और पश्चिमी चंपारण जिलों भाजपा सहित एन डी ए सरकार का मान बढ़ जाएगा। जाहिर है इस कॉरिडोर के शुरू होते ही इस क्षेत्र को त्वरित संपर्कता तो हासिल होगी ही, साथ ही इस क्षेत्र में सड़कों का नया जाल भी विकसित किया जा सकेगा।

क्या है योजना?

बिहार सरकार इस प्रस्तावित कॉरिडोर बगहा (NH-727A) से आरा जिले के पातर की संपर्कता को सुनिश्चित करेगा। इसमें गंडक नदी पर एक नए पुल का प्रस्ताव भी शामिल है। पातर (आरा) में यह कॉरिडोर पटना-आरा-सासाराम हाईस्पीड कॉरिडोर (NH-119A) से जुड़ जाएगा। अभी आरा और छपरा के बीच स्थित गंगा पुल पर अतिव्यस्त यातायात की स्थिति देखी जाती है। यहां बड़ी संख्या में भारी वाहन शामिल रहते हैं। लिहाजा गंगा नदी पर रिविलगंज में एक और पुल के निर्माण पर भी विचार किया जा रहा है।

पथ निर्माण विभाग की प्रगति रिपोर्ट से भी साधा निशान

उप मुख्यमंत्री-सह-पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने विभाग की प्रगति रिपोर्ट के साथ भी चुनावी रंग परोसा। रविवार को ही उन्होंने बताया कि एक वर्ष में 11,500 करोड़ की लागत से 100 से अधिक परियोजनाएं पूर्ण हुई हैं। लगभग 1540 किलोमीटर लम्बाई में पथ का कार्य पूर्ण कराया गया है। 2024 में बरसात के समय राज्य में कुछ 20 वर्षों से अधिक पुराने जर्जर पुल क्षतिग्रस्त हुए थे। पथ निर्माण विभाग में पुलों के लिए पुल अनुरक्षण नीति नहीं थी। वर्ष 2025 के बरसात के पहले पुल अनुरक्षण नीति लागू हो जाएगी, जिससे पुलों के रख-रखाव को बेहतर किया जा सकेगा।

उपमुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री ने राज्य की जनता से केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की घोषणा के बारे में भी बताया। बिहार यात्रा के दौरान गडकरी ने 16000 करोड़ की नई परियोजना स्वीकृत की गई है। साथ ही मोकामा से मुंगेर तक की दो लेन सड़क को फोरलेन किया जा रहा है, जिसमें बड़हिया और अशोक धाम को जोड़ने के लिए 5013 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं।

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