
पटना
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने पटना में पीएमसीएच के शताब्दी समारोह का उद्घाटन किया। इस अवसर पर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय सांसद रविशंकर प्रसाद आदि उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में ब्रिटेन-अमेरिका और अन्य देशों के चार सौ समेत पांच हजार पूर्ववर्ती छात्र-छात्राएं शामिल हुए।
राष्ट्रपति के अलावा मौके पर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खां, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंत्री जेपी नड्डा, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, सांसद रविशंकर प्रसाद आदि उपस्थित रहे।

इस कार्यक्रम में ब्रिटेन-अमेरिका और अन्य देशों के चार सौ समेत पांच हजार पूर्ववर्ती छात्र-छात्राएं शामिल हो रहे हैं। इस मौके पर सीएम नीतीश ने कहा कि जब मैं मुख्यमंत्री बना था तब केवल 6 मेडिकल कॉलेज थे, अभी दोगुना हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि पहले शाम में ही लोग घर में बंद हो जाते थे अब रात 12-1 बजे तक आराम से घूमते हैं, लड़की हो या लड़का सभी देर रात तक घूमते हैं। पीएमसीएच के साथ-साथ आईजीएमएस का भी विकास हो रहा है।
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समाज को मिलेगा लाभ- राष्ट्रपति
दूसरी तरफ, राष्ट्रपति ने कहा कि जो अस्वस्थ होते हैं उनके लिए दवाई गंगा के जल की तरह होती है। बगैर स्वस्थ शरीर के कोई विकास कार्य किया जाना संभव नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि पीएमसीएच के एल्युमिनाई बेहतर नेटवर्क बना सकते हैं, जिसमें रिसर्च पर चर्चा कर सकते हैं। इसका लाभ समाज को मिलेगा।
उन्होंने कहा कि एआई और रोबोटिक्स उपचार को सटीक बनता है आधुनिक तकनीक उपचार को सटीक बनाता है, डॉक्टर हमेशा तकनीक को अपनाने के लिए तैयार रहें।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि एक समय था जब बिहार के चिकित्सकों का नाम दुनिया में था। दूर-दूर से लोग उपचार कराने आते थे।
बीच के वर्षों में अच्छे चिकित्सकों का पलायन होने से रोगी गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा के लिए राज्य से बाहर जाने को विवश हुए।
दूसरे राज्यों में जाने पर उपचार मिलने में देरी, आने-जाने व खाने-पीने के अलावा स्वजन का रोजगार तो प्रभावित होता ही है बड़े शहरों के चिकित्सा संस्थानों पर दबाव भी बढ़ता है।
देश भर में अच्छे चिकित्सा संस्थानों के विकेंद्रीकरण से ऐसी सभी समस्याओं का निदान हो जाएगा। चेन्नई, हैदराबाद, मुंबई व इंदौर की तर्ज पर बिहार में भी अनेक विशिष्ट उपचार संस्थान विकसित किए जाने चाहिए।


इससे न केवल प्रदेश के लोगों को उत्कृष्ट उपचार मिलेगा, बल्कि मेडिकल हब बनने राज्य की अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा।
इसमें पीएमसीएच के पूर्व विद्यार्थी अपने अनुभव से बड़ा योगदान देकर बिहार के गौरवशाली अतीत को वापस ला सकते हैं।
पूर्ववर्ती विद्यार्थी शोध को बढ़ावा देने को बनाएं डिजिटल परामर्श मंच राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मंगलवार को पीएमसीएच के शताब्दी समारोह में विभिन्न देशों से आए चार सौ समेत चार हजार से अधिक चिकित्सकों से ये बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि सरकार 5,400 करोड़ से पीएमसीएच को दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा अस्पताल बना रही है। इसमें आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं होंगी।
आज तकनीक का युग है, इसलिए चिकित्सा क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स जैसी तकनीक को अपना कर आप उपचार को अधिक सरल व सटीक बनाने को तत्पर रहें।
किसी संस्थान के विकास में वहां के शिक्षकों व विद्यार्थियों के शोधकार्य अहम भूमिका निभाते हैं। पीएमसीएच में कालाजार-बोन टीबी पर हुए शोध को दुनिया में मान्यता मिली थी।
टेक्नोलाजी से दुनिया के किसी भी कोने से शिक्षा, शोध व उपचार में विशेषज्ञों की मदद ली जा सकती है। जिस प्रकार आइआइटी बांबे, टाटा मेमोरियल व इम्यनो एक्ट ने पहली स्वदेश कार्ट सेल थेरेपी
आज हमें बदलता बिहार दिखता है। आप सब एक बार निर्माणाधीन पीएमसीएच जरूर देखें, जिसका दो-चार माह में लोकार्पण होने जा रहा है।
पीएमसीएच के एल्युमिनाई इसके लिए एक ऐसा नेटवर्क तैयार करें, जहां वे शोध व अन्य समस्याओं पर परामर्श कर नतीजे तक पहुंच सकें।
इससे न केवल डाक्टरों, बल्कि पूरी मानवता को लाभ होगा। कई बार इमरजेंसी रोगियों को रक्त के लिए जूझना पड़ता है, ऐसे में पीएमसीएच के शिक्षकों-छात्रों की नियमित स्वैच्छिक रक्तदान व अंगदान की पहल सराहनीय है।
उन्होंने सर्वे सन्तु निरामया व कालेज गान सेवा धर्म हमारा का हवाला देते हुए सभी चिकित्सकों से निस्वार्थ भाव, दृढ़ संकल्प व समर्पण के साथ सेवा धर्म का पालन करते हुए पीएमसीएच को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की शुभकामना दी।
क्या बोले राज्यपाल?
वहीं, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खां ने कहा गीता में भगवान कृष्ण-अर्जुन संवाद का हवाला देते हुए कहा कि व्यक्ति कड़ी मेहनत कर प्रकृति से जो इच्छित वस्तु प्राप्त करता है यदि दूसरों से साझा किए बिना उसका उपभोग करता है तो वह चोर है।
मैंने देखा कि पीएमसीएच के डाक्टरों ने दुनिया में जो कमाया उसे वह अपने देश-प्रदेश के लोगों में बांटना चाहते हैं, यह सराहनीय है।
वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि पहले बिहार बीमारू राज्य में था, लेकिन आज यह स्वास्थ्य क्षेत्र में अग्रणी है। जम्मू-कश्मीर के बाद सिर्फ बिहार में ही दूसरा एम्स दरभंगा में केंद्र स्थापित कर रहा है।