बिहार में समय से पहले हो सकता है चुनाव

ओम प्रकाश अश्क, वरिष्ठ पत्रकार व समीक्षक

बिहार में विधानसभा चुनाव समय से पहले होने की चर्चा पिछले ही साल से चल रही है. 2024 में हुए लोकसभा चुनाव के वक्त से ही यह चर्चा रुक-रुक कर होती रही है. इस चर्चा ने अब जोर पकड़ लिया है. हालांकि इसका कोई आधिकारिक आधार नहीं है. सिर्फ संकेतों से अनुमान लगाया जा रहा है कि अक्तूबर-नवंबर में होने वाला चुनाव पहले भी हो सकता है. अगर ऐसा हुआ भी तो अप्रैल-मई के महीनों में ही चुनाव होंगे. इसलिए कि उसके बाद गर्मी और बारिश का मौसम शुरू होगा. वोटर टर्नआउट ठीकठाक रहे, इसके लिए अप्रैल-मई का वक्त ही उचित होगा. आइए, जानते हैं समय पूर्व चुनाव के अनुमान का आधार क्या है.

CM नीतीश की प्रगति यात्रा

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिला संवाद यात्रा की बजाय प्रगति यात्रा का शुभारंभ 23 दिसंबर 2024 को वाल्मीकि नगर से किया था. तकरीबन दो महीने चली यात्रा 21 फरवरी को पटना में समाप्त हुई. इस दौरान सीएम ने जिलों की यात्रा की. वहां चल रहे कार्यों की समीक्षा की. हर जिले के लिए जरूरत और मांग के हिसाब से योजनाओं की घोषणा की. जेडीयू के पोस्टर में दावा किया गया है कि 300 अरब रुपए की नई योजनाओं की घोषणा नीतीश ने अपनी प्रगति यात्रा के दौरान की. इन योजनाओं को विधिवत कैबिनेट से मंजूरी भी मिल गई है. महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव कहते रहे हैं कि सरकारी पैसे से नीतीश चुनावी लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं. नीतीश की प्रगति यात्रा को समय से पहले चुनाव का पहला संकेत माना जा रहा है.

NDA नेताओं का ज्वाइंट दौरा

एनडीए में शामिल पार्टियों के प्रमुखों ने नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा के साथ ही बिहार के जिलों का दौरा किया. जेडीयू, बीजेपी, हम, आरएलएम और लोजपा-आर के प्रदेश अध्यक्ष एनडीए के साझा दौरे में शामिल थे. 10 जनवरी से शुरू हुई यात्रा के दौरान सभी दलों के नेताओं ने न सिर्फ अपने कार्यकर्ताओं को एकजुट रहने का मंत्र दिया, बल्कि साझा प्रेस कान्फ्रेंस भी किए. लोकसभा चुनाव में एनडीए में एकता का अभाव देखा गया. इसे भांप कर ही इस बार एनडीए ने एकजुटता को प्राथमिकता दी है. इस बार एनडीए ने विधानसभा की 225 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. इससे पहले 2010 में एनडीए ने 200 से ज्यादा सीटें जीती थीं. इनमें अकेले जेडीयू ने 115 तो भाजपा ने 91 सीटें अपनी झोली में डाली थीं. एनडीए का मानना है कि 2010 की तरह ही इस बार भी एकजुटता के साथ 225 सीटें जीती जडा सकती हैं. एनडीए की इस तैयारी को भी समय से पहले चुनाव का दूसरा संकेत माना जा रहा है.

मंत्री विजय चौधरी का बयान

नीतीश कुमार मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सदस्य और जेडीयू नेता विजय चौधरी ने कहा है कि एनडीए चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है. उनका यह बयान नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा के पटना के समापन के तुरंत बाद आया. उन्होंने कहा कि सीएम की प्रगति यात्रा पहले की यात्राओं की तरह सफल रही है. इससे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के पेट में मरोड़ उठ रहा है. वैसे तो चुनाव समय पर ही होगा, लेकिन पहले भी चुनाव होता है तो इसके लिए एनडीए नीतीश कुमार के नेतत्व में तैयार है. समय से पहले विधानसबा चुनावों के लगातार लग रहे कयासों के बाद पहली बार एनडीए के किसी नेता ने इस तरह की बात कही है. इसे समय पूर्व चुनाव का तीसरा संकेत माना जा रहा है.

शिवराज और पीएम का दौरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भागलपुर दौरे को भी चुनावी शंखनाद के रूप में देखा जा रहा है. उनके आगमन से पहले दो बार केंद्रीय कषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का बिहार आना और मखाना किसानों के साथ पानी में उतर कर रोपनी करना भी विधानसभा चुनाव की तैयारी के रूप में देखा जा रहा ह. पीएम मोदी ने भागलपुर में किसान सम्मान निधि की किस्त जारी की. यह काम दूसरे स्थान से भी हो सकता था. पहले ऐसा होता भी रहा है. इस बार भागलपुर से सम्मान राशि जारी करने का पीएम फैसला समय से पहले विधानसबा चुनाव कराने की तैयारी का संकेत हो सकता है. केंद्रीय कषि मंत्री मखाना बोर्ड की स्थापना के लिए बिहार के दौरे पर हैं. तकरीबन 25 हजार किसान मखाना की खेती से जुड़े हैं. भाजपा नेताओं के पहले भी मिथिलांचल-सीमांचल में कई दौरे हुए हैं.

तेजस्वी यादव की भी तैयारी

तेजस्वी यादव को भी समय से पहले चुनाव की भनक है. इसलिए वे चुनाव आयोग पर अंगुली भी उठा रहे हैं. वे कह रहे कि चुनाव आयोग केंद्र सरकार की कठपुतली की तरह काम कर रहा है. पर, इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. चुनाव चाहे जब हो, इसके लिए महागठबंधन तैयार है. तेजस्वी यादव भी लगातार बिहार के दौरे पर रहे हैं. उन्होंने टिकट बंटवारे के लिए उम्मीदवारों के बारे में सर्वे भी कराया है. इसका उन्हें कितना लाभ मिल पाता है, यह देखना दिलचस्प होगा. इसलिए कि एनडीए ने भी उन्हें पटखनी देने की पुख्ता रणनीति बनाई है. इसमें अव्वल है एनडीए की एकजुटता. इसका अभाव अभी महागठबंधन में दिख रहा है.

बजट बाद हो सकती है घोषणा

अगर समय से पहले चुनाव होना है तो इसकी घोषणा विधानसभा के बजट सत्र के बाद कभी भी हो सकती है. दूसरे राज्यों में चुनावों के दौरान जिस तरह राजनीतिक दलों ने रेवड़ियों का वादा किया या फायदे लोगों को दिए, वैसी घोषणा नीतीश कुमार बजट में कर सकते हैं. सीएम न सिर्फ घोषणाएं करेंगे, बल्कि उसकी कुछ किस्तें भी चुनाव की घोषणा होने से पहले बांटने की तैयारी है. इसके लिए शासकीय स्तर पर काम भी चल रहा है. माना जा रहा है कि महिलाओं, युवाओं और सीनियर सिटिजन के लिए बजट में आकर्षक घोषणाएं हो सकती हैं. सब कुछ ठीक रहा तो अप्रेल या मई में विधानसभा का चुनाव हो सकता है.

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