
पटना
बिहार में शिक्षकों के बहुप्रतीक्षित स्थानांतरण भीम के तहत शिक्षा विभाग ने 185 शिक्षकों के स्थानांतरण की दूसरी सूची जारी कर दी है. इससे पहले 10 जनवरी को इसी वर्ष 47 शिक्षकों के आवेदन पर विचार किए गए जिसमें 35 शिक्षकों के स्थानांतरण पर मुहर लगी. वही आज सोमवार को 260 शिक्षकों के स्थानांतरण के आवेदन पर विचार किए गए जिसमें 185 शिक्षकों के स्थानांतरण पर विभाग ने मोहर लगाई है.
बिहार में 185 शिक्षकों का स्थानांतरण : यह सभी 260 आवेदन बीपीएससी टीआरई 1 और 2 के चयनित शिक्षकों के हैं. ऐसे में सक्षमता परीक्षा पास कर नियोजित से विशिष्ट बनने वाले शिक्षकों ने शिक्षा विभाग पर विशिष्ट शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार अपनाने का आरोप लगाया है.
260 आवेदन पर हुए विचार : शिक्षकों के स्थानांतरण पर आज सोमवार को शिक्षा विभाग में विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव की अध्यक्षता में स्थानांतरण के आवेदन पर बैठक हुई. इस बैठक में स्थानांतरण के लिए प्राप्त हुए 1.90 लाख शिक्षकों के आवेदन में से प्रथम श्रेणी में स्थानांतरण के लिए विचाराधीन असाध्य रोगों के आधार पर स्थानांतरण के आवेदन पर विचार हुए.

759 आवेदन में चयन : इस श्रेणी में 759 आवेदन में 47 नियमित शिक्षक, 260 बीपीएससी टीआरई 1 और 2 के शिक्षक और 452 नियोजित शिक्षकों के आवेदन थे. इनमें से बीपीएससी से चयनित 260 शिक्षकों के आवेदन पर विचार किया गया. जिसमें 185 शिक्षकों के स्थानांतरण के आवेदन स्वीकृत किए गए. 30 आवेदन विचाराधीन रख लिए गए और 44 आवेदन अमान्य किए गए जबकि एक आवेदन स्क्रुटनी नहीं होने के कारण विचार में है.
विशिष्ट शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार’ : वहीं स्नातक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष पिंटू कुमार सिंह का कहना है कि शिक्षा विभाग नियोजित शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है. स्थानांतरण की मांग लंबे समय से नियोजित शिक्षकों की रही है और इसके लिए कई आंदोलन हुए हैं. नियोजित शिक्षक सक्षमता पास करने के बाद विशिष्ट शिक्षक भी बन गए लेकिन उनके साथ विभाग का सौतेला व्यवहार बंद नहीं हुआ है.
”सक्षमता पास करने के बाद नियोजित शिक्षकों को जिला आवंटन कर दिया गया लेकिन अभी तक उसे जिला में पोस्टिंग नहीं दी गई. मेधा के आधार पर नियोजित शिक्षक परीक्षा में अपने ऐच्छिक जिला के लिए क्वालीफाई किये, बावजूद इसके वह जस के तस जहां है वहीं बने हुए हैं.”- पिंटू कुमार सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, स्नातक शिक्षक संघ



