
पटना। एकीकृत 70वीं बीपीएससी संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा को रद कर नए सिरे से आयोजन को मुद्दा बनाकर प्रदर्शन करने वाले 350 प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध प्राथमिकी की गई है।
जिला प्रशासन ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि गुरुवार को 350 की संख्या में अभ्यर्थियों ने नेहरू पथ पर, इनकम टैक्स गोलंबर एवं लोहियापथ चक्र तथा बाद में वीरचंद पटेल पथ पर पहुंचकर प्रदर्शन कर यातायात बाधित किया गया।
इस दौरान लोक व्यवस्था भंग कर दी गई। पूरे क्षेत्र में जाम लग गया एवं राहगीरों को काफी परेशानी हुई। ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों एवं पुलिस बल के साथ धक्का–मुक्की भी की गई।
इन लोगों ने एक पुलिस जवान को धक्का दे कर गिरा दिया। इसमें दो कोचिंग संचालकों की सक्रिय भूमिका पायी गई है। सचिवालय थाना में 350 प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करते हुए एक कोचिंग संचालक सहित 30 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
इसमें 26 लोग पटना जिले से बाहर के हैं। इसमें कितने परीक्षार्थी एवं गैरपरीक्षार्थी हैं, इसका सत्यापन कराया जा रहा है, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
जिला प्रशासन के अनुसार प्रारंभिक जांच से पता चला है कि दो कोचिंग संचालकों एवं कुछ अन्य ने टेलीग्राम पर क्यूआर कोड जारी कर इंटरनेट (सोशल) मीडिया के माध्यम से लोगों को मोबिलाइज किया है।
प्रदर्शनकारियों को हटाने का प्रयास करती पटना पुलिस।
यह मामला उच्च न्यायालय में लंबित है तथा 31 जनवरी को सुनवाई की तिथि निर्धारित है। ऐसे में दबाव बनाने की मंशा से पूर्व संध्या पर विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न की गई। छात्रों को गुमराह कर अव्यवस्था उत्पन्न करने वाले उक्त तत्वों के विरुद्ध विधि–सम्मत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
प्रदर्शनकारियों पर नहीं किया गया लाठीचार्ज
पटना के जिला मजिस्ट्रेट चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि प्रदर्शनकारियों पर कोई लाठीचार्ज नहीं किया गया, लेकिन उन पर इलाके में सड़क यातायात बाधित करने का मामला दर्ज किया गया है।
उन्होंने कहा कि हमने उन लोगों की पहचान कर ली है जो विरोध प्रदर्शन के पीछे थे और जिन्होंने बीपीएससी उम्मीदवारों को आयोग के कार्यालय के पास इकट्ठा होने और बेली रोड पर यातायात बाधित करने के लिए उकसाया था।
लोगों को पुलिसकर्मियों ने पकड़कर प्रदर्शनस्थल से हटाया।
सभी प्रदर्शनकारियों को सुरक्षाकर्मियों ने हटा दिया है। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को भड़काने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया है और प्रतिबंधित क्षेत्र में हंगामा करने वाले 30 अन्य लोगों को हिरासत में लिया है।
पटना के शिक्षक रामान्शु मिश्रा भी गिरफ्तार
पटना डीएम ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर और लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा, जिसका विश्लेषण किया जा रहा है। गिरफ्तार किए गए चार लोगों में से एक पटना के शिक्षक रामान्शु मिश्रा हैं।
पुलिस ने सचिवालय और कोतवाली पुलिस स्टेशनों में 350 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की है। डीएम ने कहा कि गिरफ्तार किए गए सभी चार लोग, जिनका नाम एफआईआर में है, उनको शुक्रवार को अदालत में पेश किया जाएगा।
राजधानी के बाहर के हैं प्रदर्शनकारी
डीएम ने दावा किया कि अधिकांश प्रदर्शनकारियों को राज्य की राजधानी के बाहर से लाया गया था और उनमें से कुछ अन्य राज्यों से भी आए थे। उन्होंने कहा कि हिरासत में लिए गए कुल 30 लोगों में से 26 पटना के निवासी नहीं हैं।
डीएम ने आगे बताया कि वे बीपीएससी कार्यालय की ओर बढ़ना चाहते थे, जिसकी पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने अनुमति नहीं दी। सुरक्षाकर्मियों के बार-बार अनुरोध के बावजूद, उन्होंने सड़क खाली करने से इनकार कर दिया। यह एक प्रतिबंधित क्षेत्र है और यहां विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं है।
इस बीच पटना उच्च न्यायालय शुक्रवार को 13 दिसंबर की परीक्षा रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करने वाला है।