
पटना
बिहार के बाहर रहकर काम करने वाले सरकारी मजदूरों के लिए सरकार खुशखबरी लेकर आई है। “बिहार प्रवासी कामगार ऐप” के जरिए उन्हें 2 लाख रुपए तक की मदद दी जाने की योजना है। इसका लोकार्पण श्रम संसाधन विभाग के मंत्री संतोष कुमार सिंह ने किया है।
सिंह ने कहा कि अगले तीन महीने में 10 लाख प्रवासी मजदूरों का इस ऐप पर पंजीकरण किया जाएगा। मजदूरों के लिए यह ऐप किसी वरदान से कम नहीं। इसके जरिए उन्हें अनेकों प्रकार की सहायता राशि प्रदान की जाएगी।

संतोष कुमार सिंह के अनुसार यह ऐप ऐसे मजदूरों के लिए है जो रोजगार, कौशल विकास, सामाजिक सुरक्षा एवं सरकारी योजनाओं का हिस्सा बनना चाहते हैं। साथ ही इस ऐप के माध्यम से ऐसे श्रमिकों का पंचायत स्तर पर डेटाबेस तैयार किया जाएगा जो बिहार के बाहर रहकर काम कर रहे।
सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले समय में कम से कम 20 लाख मजदूरों का रजिस्ट्रेशन इस ऐप पर हो। इसमें हर एक पंचायत से लगभग 500 प्रवासी श्रमिकों का पंजीकरण होने की संभावना है। यह कार्य विभाग के पदाधिकारियों की देख रेख में होगा।
इस ऐप के लाभ की बात करें तो सरकार का उद्देश्य है कि बिहार से बाहर काम करने वाले मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा तय की जाए और इसी क्रम में राज्य प्रवासी मजदूर दुर्घटना अनुदान योजना 2008 को लागू किया गया है। इससे राज्य के बाहर या देश के बाहर काम करने वाले श्रमिकों या उनके परिवार को सीधा फायदा मिलेगा।
इस अनुदान योजना के अंतर्गत अगर किसी मजदूर की दुर्घटना में मौत होती है तो उनके परिजनों को 2 लाख, पूर्ण निशक्तों को 1 लाख और आंशिक रूप से निशक्तों को 50 हजार की मदद दी जाती थी। एक बार पंचायत स्तर पर डेटाबेस तैयार होने पर मजदुरों को इसका लाभ देने में सहूलियत होगी।
ऐसे मजदूर खुद अपना डेटा इस ऐप के जरिए भर सकेंगे जिसके बाद उन्हें एक 12 अंक का रजिस्ट्रेशन नंबर मिलेगा। ऐप में उनका नाम, पिता का नाम, वर्तमान और स्थायी पता, शैक्षणिक योग्यता, फोन नंबर, बैंक खाता इत्यादि डीटेल्स भरे जा सकेंगे ताकि जरुरत पड़ने पर इनका उपयोग किया जा सके।



