
संतोष राज पाण्डेय,पटना
बिहार विधानसभा के बजट सत्र के छठे दिन सदन में अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा हुई. इसी क्रम में बिहार में बढ़ते कैंसर पीड़ित मरीजों का मुद्दा पर विधानसभा में उठा. इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने कहा कि कैंसर की बीमारी कारण मैंने अपने भाई और पत्नी को खोया है. दरअसल बीजेपी विधायक अरुण शंकर प्रसाद ने बिहार में कैंसर रोगियों को लेकर ध्यानाकर्षण के माध्यम से सरकार से सवाल पूछा.

इस दौरान अरुण शंकर प्रसाद ने कहा कि होमी भाभा कैंसर अस्पताल व अनुसंधान केन्द्र के द्वारा मुजफ्फरपुर के विभिन्न इलाकों में डॉक्टर एवं कर्मचारियों के माध्यम से वर्ष 2019-21 में जनसंख्या आधारित कैंसर निबंधन सर्वे कराया गया था. सर्वे के मुताविक गृहिणियों में 45 फीसदी, किसान 12.7 फीसदी, सरकारी कर्मचारियों में 9.7 फीसदी, निजी क्षेत्र में काम करने वाले 4.4 फीसदी लोग इस कैंसर बीमारी के शिकार हैं.
हैरान करते हैं आंकड़े!
कैंसर बीमारी के चपेट में आने वालों में 3.6 फीसदी छात्र, दुकान चलाने वाली महिला, पुरुष मिलाकर 6.1 फीसदी कैंसर बीमारी से ग्रसित हैं. सर्वे निबंधन में शामिल 30 फीसदी ऐसे लोग कैंसर के शिकार मिले जो निरक्षर हैं. इसके अलावे कॉलेज जाने वाले 19.7 फीसदी, छात्र-छात्राएँ भी इस बीमारी के शिकार हैं. जानकारी के अभाव मे कई लोग कैंसर का इलाज नहीं करा रहे हैं.
मंगल पांडेय ने दिया जवाब
बीजेपी विधायक अरुण शंकर प्रसाद के सवाल का जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि बिहार सरकार 112 करोड़ की लागत से पेलीएटीव केयर की 100 बेड वाला अस्पताल मुजफ्फरपुर में स्थापित करने जा रही है. आईजीआईएमएस पटना में राज्य कैंसर संस्थान का 100 बेड का अस्पताल है, जहां मरीजों का इलाज चल रहा है. मंगल पांडेय ने कहा कि कैंसर इलाज के लिए मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता को से चिकित्सा अनुदान राशि प्रदान की जाती है.
मंगल पांडेय ने कहा कि सवेरा कैंसर अस्पताल और आरएस मेमोरियल कैंसर सोसाइटी को कैंसर रोग के सरकारी अस्पतालों में स्क्रीनिंग के लिए जिम्मेदारी दी गयी है. महावीर कैंसर संस्थान में सीटी स्कैन के खरीदारी के लिए 13 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं. बोन मैरो ट्रांसप्लांट के लिए एक करोड़ 93 लाख की स्वीकृति दी गई.






