
पटना
बिहार के उप मुख्य मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने रंगभरी एकादशी के अवसर पर राज्य के लोगों को होली और वसंतोत्सव की शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि यह पर्व हमारी सनातन की संस्कृति में समाहित राग और रंग का उत्सव है। इसीलिए इसमें परिवेश और अपने भीतर की अशुद्धियों का होलिका-दहन किया जाता है।

उन्होंने कहा कि लेकिन विडंबना है कि तुष्टिकरण की राजनीति के चलते कुछ लोग इस सात्विक परंपरा को कुंठित करने का प्रयास करते हैं। इसके बदले सनातन की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हुए मांसाहार और केक पर आधारित ‘क्षेपक संस्कृति को बढ़ावा देते हैं। सोमवार को जारी बयान में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आज देश में अपनी संस्कृति और मूल्यों को लेकर आई जागरूकता के कारण ‘वोट बैंकवादी हाशिये पर जा रहे हैं। सनातन की परंपरा पूरी तरह से प्रकृति और संस्कृति पर आधारित है। इसलिए हमारे यहां फसल-चक्र से लेकर जीवन-चक्र तक और तीज-त्योहार से लेकर हर्ष-उल्लास के अवसर प्रकृति के आधार पर तय होते हैं। हमारे हर मंगल और उत्सव के मौके पर प्रकृति के प्रति आभार भी व्यक्त किया जाता है। आज दुनिया भर की समस्याओं का समाधान तलाशने के लिए हमारी इसी परंपरा का रुख कर रहे हैं। कृषि के क्षेत्र में जिस सतत कृषि और परंपरागत कृषि की ओर आज दुनिया नए ढंग से देख रही है।





