क्या नरेंद्र मोदी के सपनों को साकार करने वाला कार्यकर्ता टिकट से होगा वंचित

मोदी के हनुमान राजीव रंजन कुमार को भाजपा बिहार क्यों किनारे करने में जुटा

पटना

बिहार की राजनीति फिर से उबाल मारने लगी है। एक तरफ राजनेता सक्रिय है तो दूसरी तरफ जनता भी सक्रिय है। जी हम आज बात कर रहे है भाजपा के एक ऐसे सक्रिय नेता की जिसने क्षेत्र के विकास के लिए अपना धन तक खर्च कर दिया। मोदी के इस हनुमान का नाम राजीव रंजन कुमार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों को साकार करने के लिए इन शक्स ने हर कार्य किया जिससे भाजपा का शान बढ़ा और जब बारी आई टिकट देने की तो भाजपा प्रदेश इकाई इस मोदी के हनुमान को किनारे करने में जुट गया।

कौन है राजीव रंजन

राजीव रंजन कुमार एक समर्पित जनसेवक, उद्यमी और सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जिन्होंने बिहार की राजनीतिक और सामाजिक धरातल पर अपनी एक अलग पहचान बनाई है। उनकी राजनीतिक यात्रा, सामाजिक प्रतिबद्धता और नेतृत्व कौशल उन्हें जनता के बीच लोकप्रिय बनाते हैं।

राजीव रंजन कुमार ने रसायन विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री बी.आर.ए.बी. विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर से प्राप्त की। इससे पहले उन्होंने अपनी स्नातक की पढ़ाई आर.डी.एस. कॉलेज, मुजफ्फरपुर से पूरी की। उनकी शैक्षिक पृष्ठभूमि वैज्ञानिक दृष्टिकोण और विचारशील निर्णयों का आधार बनी, जिसने उनके सामाजिक और राजनीतिक योगदान को दिशा दी।

राजीव रंजन कुमार रियल एस्टेट व्यवसाय में सक्रिय हैं। एक सफल उद्यमी के रूप में उन्होंने न केवल आर्थिक रूप से प्रगति की, बल्कि रोजगार सृजन और क्षेत्रीय विकास में भी योगदान दिया।

राजनीतिक क्षेत्र में राजीव रंजन कुमार का सफर वर्ष 2000 से शुरू हुआ, जब उन्होंने विभूतिपुर विधानसभा क्षेत्र (138) से जेडीयू के टिकट पर चुनाव लड़ा और 19,000 वोट प्राप्त किए। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2010 में मोरवा विधानसभा क्षेत्र (135) से शिवसेना के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और 8,000 वोट हासिल किए। वर्ष 2015 में उन्होंने समस्तीपुर एमएलसी (स्थानीय निकाय) से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा, जिसमें उन्हें 418 वोट प्राप्त हुए।

राजीव रंजन कुमार ने 2014 में भाजपा सदस्यता अभियान के तहत समस्तीपुर जिले में लगभग 11,000 युवाओं को पार्टी से जोड़ा। उन्होंने मिशन मोदी अगेन पीएम 2019 के दौरान बिहार और पश्चिम बंगाल के कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में अहम भूमिका निभाई। आगामी 2025 विधानसभा चुनाव में वे एक बार फिर विभूतिपुर से चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं।

उनका एबीवीपी से भी दीर्घकालिक संबंध रहा है, जिसके माध्यम से उन्होंने छात्र राजनीति से लेकर सामाजिक आंदोलनों तक सक्रिय भागीदारी निभाई।

वर्ष 2014 के आम चुनाव में उन्होंने उजियारपुर के सांसद श्री नित्यानंद राय के लिए प्रभावशाली समर्थन प्रदान किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने अमित शाह की रैलियों में वाहनों, भोजन और परिवहन की विस्तृत व्यवस्थाएँ कीं, जिससे हजारों भाजपा कार्यकर्ताओं की उपस्थिति सुनिश्चित हुई।

राजीव रंजन कुमार ने केवल राजनीति ही नहीं, बल्कि सामाजिक सेवा को भी अपने जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाया है। उनके प्रमुख सामाजिक योगदान की चर्चा करें तो लंबी फेहरिस्त बनती हैं।

प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत तीन पंचायतों को गोद लिया, जिनमें समग्र ग्राम विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया।

बुनियादी ढांचा विकास के तहत बिजली के खंभे, एलईडी लाइट्स, ट्रांसफार्मर, तथा ट्यूबवेल और वाटर कूलर लगाए गए।

शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में उन्होंने स्कूलों और अस्पतालों के निर्माण (भवन, भूमि, चारदीवारी) का समर्थन किया। वर्तमान में 50 बिस्तरों वाला एक अस्पताल निर्माणाधीन है।

आपदा राहत में योगदान देते हुए उन्होंने भूकंप और सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को वित्तीय सहायता प्रदान की तथा सर्दियों में 5000 से अधिक कंबल वितरित किए।

स्थानीय खेलों को बढ़ावा देने के लिए क्रिकेट और फुटबॉल किट वितरित कीं, जिससे युवाओं की भागीदारी और सामुदायिक विकास को बल मिला।

नून नदी पर ₹15 लाख की लागत से एक महत्वपूर्ण सड़क मोड़ का निर्माण कराया, जिससे स्थानीय लोगों को सुगमता और सुरक्षा मिली।

कुल मिलाकर राजीव रंजन कुमार का जीवन एक प्रेरणा है — जहां राजनीति, सेवा और विकास एक साथ चलते हैं। वे न केवल एक राजनीतिक चेहरा हैं, बल्कि एक ऐसे जनप्रतिनिधि हैं जो समाज के हर वर्ग के लिए कार्य करते हैं। महात्मा गांधी के शब्दों में, “खुद को खोजने का सबसे अच्छा तरीका है दूसरों की सेवा में खुद को खो देना,” राजीव रंजन कुमार इसी विचार को जीते हैं।

कहाँ से लड़ना चाहते है चुनाव

राजीव रंजन कुमार विभूतिपुर विधानसभा क्षेत्र,उजियार पुर विधानसभा क्षेत्र में लगातार विकास के कार्य करते रहे जिस कारण जनता इनकी दीवानी है। इनको हर वर्ग का समर्थन हासिल है। पिछले चुनावों में NDA प्रत्याशियों की मदद कर चुनाव जीत दर्ज कराया।

क्यों इग्नोर कर रही है भाजपा

भाजपा के बड़े नेताओं को इसकी जानकारी है कि राजीव रंजन कुमार को जनता का भारी समर्थन है पर बिहार में जाति की राजनीति हमेशा हावी रही है। राजीव रंजन स्वर्ण जाति से आते है जो राजनेताओं को खटक रहे है। हालांकि इस मामले पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल कुछ भी खुल कर बोलने को तैयार नही है।

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