
प्रयाग राज
सनातन संस्कृति के सबसे बड़े मानव समागम महाकुम्भ में उमड़ रहे आस्था और श्रद्धा के महासागर में सोमवार को महामहिम का भी आगमन हुआ। भारत की दूसरी महिला और पहली आदिवासी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रयागराज महाकुम्भ में मां गंगा, मां यमुना और मां सरस्वती की त्रिवेणी के पावन संगम में पुण्य की डुबकी लगाकर पूरी दुनिया को एकता और सामाजिक समरसता का संदेश दिया।
श्रद्धा और आस्था के इस महापर्व महाकुंभ में सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का आगमन हुआ। देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पूरे परिवार के साथ मां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में आस्था एवं पुण्य की डुबकी लगाई। साथ ही पूरी दुनिया को एकता तथा सामाजिक समरसता का संदेश दिया। इस दौरान राज्यपाल आनंद बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा औद्योगिक प्रोत्साहन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी भी मौजूद रहे।



राष्ट्रपति सुबह करीब सवा नौ बजे बमरौली एयरपोर्ट पर पहुंचीं। वहां पहले से मौजूद राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री ने उनका स्वागत किया। वहां से अरैल पहुंचीं। इसके बाद क्रूज से वह संगम पहुंचीं। राष्ट्रपति ने सबसे पहले त्रिवेणी जल को स्पर्श करते हुए अपनी श्रद्धा प्रकट की। इसके बाद पवित्र जल में फूल, माला, नारियल अर्पित कर राष्ट्र की समृद्धि और शांति की कामना की।
इसी क्रम में राष्ट्रपति ने संगम में एक के बाद एक कई डुबकियां लगाईं। उन्होंने भगवान दिवाकर को अर्घ्य देने के साथ मां गंगा का पूजन अर्चन किया। पूरे विधान और वैदिक मंत्रों के बीच दुग्धाभिषेक किया। साथ ही अक्षत, पुष्प, फल और लाल चुनरी अर्पित की। राष्ट्रपति ने गंगा आरती भी की।
संगम स्नान एवं पूजन के बाद राष्ट्रपति पहले किला घाट, फिर सड़क मार्ग से महावीर एवं त्रिवेणी मार्ग होते हुए किला में पहुंचीं और सरस्वती कूप, अक्षयवट तथा पाताल पुरी में दर्शन-पूजन किया। इसके बाद करीब एक बजे उन्होंने बड़े हनुमान मंदिर में दर्शन-पूजन किया। उन्होंने हनुमान मंदिर में आरती भी की। इसके बाद सेक्टर तीन स्थित यमुना शंकुल में उनका कार्यक्रम आरक्षित रहा। इसी क्रम में करीब साढ़े तीन बजे वह डिजिटल महाकुंभ अनुभूति केंद्र कार अवलोकन किया।

