
पटना
डी ए वी पब्लिक स्कूल, परसा बाज़ार, पटना के प्रांगण में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन किया गया| कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय के प्राचार्य मनोज कुमार झा तथा सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं के द्वारा वैदिक मंत्रोचारण के साथ हवन कार्य से किया गया | अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया| इस कार्यक्रम में डी ए वी पब्लिक स्कूल, परसा बाज़ार, पटना,सत्र 2023-24 के बारहवीं(प्रथम बैच) के मेधावी छात्र – “हिमांशु दया” को विद्यालय के प्राचार्य द्वारा पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जिन्होने अपने प्रथम प्रयास में ही आई.आई.टी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में अपनी जगह बनाने में सफलता हासिल की |

विद्यालय के प्राचार्य ने छात्र हिमांशु दया तथा उनके अभिभावकों को भी सम्मानित किया और ढेर सारी शुभकमनाएं दी | मौके पर मौजूद सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं ने भी छात्र “हिमांशु दया” को ढेर सारी शुभकमनाएं दी और उज्ज्वल भविष्य की कामना की |
इस दिवस को विशेष रूप से महिलाओं को समर्पित किया गया है। इस दिवस पर लोगों को महिलाओं के प्रति आदर सम्मान, उनके अधिकारों, उनकी उपलब्धियों को बताने के साथ ही लैंगिग समानता और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है। यह दिन महिलाओं के समाज में महत्व और योगदान को याद दिलाने के लिए मनाया जाता है| अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस उनके संघर्ष, अधिकारों और समाज में उनकी भूमिका के बारे में दर्शाता है, समाज में कहीं-न-कहीं आज भी महिलाओं को पुरुषों से पीछे माना जाता है,ऐसे में महिला समानता के लिए यह खास दिन मनाया जाता है| अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस इस साल “एक्सलरेट एक्शन” (Accelerate Action) थीम पर मनाया जा रहा है|
विद्यालय के प्राचार्य मनोज कुमार झा ने कहा कि महिलाएं माता, बहन, बेटी के रूप में आदरणीय हैं, आज के दौर में महिलाएं पुरुषों से कंधा से कंधा मिला कर समाज को सुदृढ़ कर रही हैं| कादम्बिनी गांगुली, विजयलक्ष्मी पंडित, सावित्रीबाई फुले, मदर टेरेसा, मैरीकॉम, सायना नेहवाल, संतोष यादव जैसी महिलाएं भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करा चुकी हैं| विद्यालय के प्राचार्य ने कहा कि समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है कि वह ऐसा वातावरण बनाए जहां महिलाएं बिना किसी बाधा के प्रगति कर सकें।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिका रजनी ,काजोल, राजीव रंजन पांडे,प्रभाकर , सानु, अतुल और अन्य शिक्षक-शिक्षिकाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा ।














