
गोपालगंज
“जो खुद अंधेरे से निकला हो, वही रोशनी की असली कीमत समझ सकता है।”यह पंक्ति गोपालगंज, बिहार के विशाल राय पर पूरी तरह सटीक बैठती है। कभी खुद नशे के जाल में फंसे विशाल आज पूरे बिहार को नशा मुक्त बनाने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं। “नशा छोड़ो अभियान” के माध्यम से उन्होंने हजारों लोगों को इस दलदल से बाहर निकाला है और यह सफर अभी भी जारी है।अंधेरे से उजाले तक का सफर।विशाल राय का जीवन भी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। एक समय था जब वे खुद नशे की गिरफ्त में थे। धीरे-धीरे यह आदत लत में बदल गई और उनका जीवन अस्थिर होने लगा। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। अपनी मजबूत इच्छाशक्ति के बल पर उन्होंने खुद को इस जाल से बाहर निकाला और उसी क्षण ठान लिया कि वे सिर्फ खुद नहीं, बल्कि समाज के हर उस व्यक्ति को बचाएंगे जो इस जानलेवा लत से जूझ रहा है।”नशा छोड़ो अभियान” की शुरुआत।अपने संघर्षों से मिली सीख और अनुभव के आधार पर विशाल राय ने “नशा छोड़ो अभियान” की नींव रखी। इस मिशन के तहत वे उन लोगों तक पहुंचते हैं, जो नशे की चपेट में हैं, और उन्हें लत मुक्त दवा एवं मानसिक सहयोग के जरिए सही राह पर लाने का काम करते हैं। उनकी टीम पूरे बिहार में सक्रिय है और अब तक हजारों लोगों को नशा मुक्त जीवन देने में सफल रही है।विशाल राय न सिर्फ सामाजिक कार्यों में आगे हैं, बल्कि डिजिटल मीडिया के भी चर्चित पत्रकार हैं। उनकी लेखनी में समाज की सच्चाई झलकती है, और वे अपने प्लेटफॉर्म के माध्यम से आम लोगों की आवाज को बुलंद करने का कार्य कर रहे हैं। डिजिटल पत्रकारिता में उनकी एक अलग पहचान बन चुकी है और वे लगातार समाज सुधार के कार्यों को अपनी पत्रकारिता के माध्यम से आगे बढ़ा रहे हैं।विशाल राय का सपना है कि बिहार पूरी तरह नशा मुक्त बने। वे सिर्फ शराब, गांजा या अन्य नशीले पदार्थों के खिलाफ ही नहीं, बल्कि मोबाइल और सोशल मीडिया जैसी नई तरह की लत के खिलाफ भी जागरूकता फैला रहे हैं। उनके अनुसार, “नशा सिर्फ पदार्थों का नहीं होता, किसी भी चीज की अतिवादिता नशा बन सकती है और इंसान को कमजोर बना सकती है।”उनका यह मिशन सिर्फ एक अभियान नहीं, बल्कि एक आंदोलन बन चुका है। वे दिन-रात इस लक्ष्य को पूरा करने में जुटे हैं और उनकी कोशिशों का असर भी दिखने लगा है।विशाल राय का मानना है कि नशा सिर्फ व्यक्ति का नहीं, बल्कि पूरे समाज का नुकसान करता है। वे युवाओं से अपील करते हैं कि वे नशे से दूर रहें और अपने परिवार, दोस्तों को भी इस दलदल से बाहर निकालें।उनकी यह यात्रा जारी है, और उनकी सफलता इस बात का प्रमाण है कि अगर इरादा नेक हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।





