
दरभंगा
पलायन रोको, नौकरी दो’ के नारे के साथ कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार बिहार में पदयात्रा कर रहे हैं. बीते मंगलवार (25 मार्च, 2025) को उन्होंने दरभंगा में पत्रकारों से कहा कि येन-केन-प्रकारेण बीजेपी चाहती है कि उसका मुख्यमंत्री बने. बीजेपी का मुख्यमंत्री बनने का मतलब है कि बिहार का संसाधन अदानी के हाथ में पहुंचे. 1952 के बिहार को याद कीजिए. बिहार भारत का सबसे पिछड़ा राज्य नहीं था. दूसरे नंबर का राज्य था. जानबूझकर इसको बर्बाद किया गया है.

कन्हैया कुमार ने कहा कि आज हमारे आसपास ये जो बड़ी-बड़ी सड़कें बन रहीं हैं तो हमारे पास तो इनकम ही नहीं है तो सड़क बना किसके लिए रहे हैं? सड़क बना रहे हैं यहां का संसाधन को लूट कर लेकर जाने के लिए. हमारे लिए तो ताज होटल नहीं खुला है. जो लोग पैसा कमा लिए हैं उन्हीं के लिए खुला है. तमाम बड़े स्कूल खुले हैं तो उसमें जिसके पास पैसा है उसी का बच्चा पढ़ रहा है.
भ्रष्टाचार को लेकर कांग्रेस नेता ने कहा कि आज यहां (बिहार) किसी डिपार्टमेंट में चले जाइए. कोई डिपार्टमेंट बिना कमिशन का चल नहीं रहा है. पैसा नहीं है तो एमएलए को सैलरी कहां से आ रही है? एमएलए के लिए घर बन रहा है न? मुख्यमंत्री के लिए घर बन रहा है न? जो बड़े-बड़े सरकारी कार्यक्रम हो रहे हैं उसमें पैसा खर्च हो रहा है न? ये प्राथमिकता का सवाल है. प्राथमिकता जहां है वहां पैसा खर्च हो रहा है.
‘पूंजीपतियों और कारोबारियों की नजर बिहार पर’
कन्हैया कुमार ने कहा कि ढाका में भारत माला प्रोजेक्ट बन रहा है. भारत माला प्रोजेक्ट क्यों बन रहा है? किसके लिए बन रहा है? बिहार में जब कुछ है ही नहीं तो रोड क्यों बन रहा है? बिहार में जो है वो पानी है, जिसके लिए दुनिया तरसने वाली है. पानी पेट्रोल से भी ज्यादा महंगा होने वाला है. क्योंकि पेट्रोल से प्यास नहीं बुझने वाली है. पानी की जरूरत सबको है. दुनिया में जिस तरह से पानी खत्म हो रहा है पूंजीपतियों और कारोबारियों की नजर बिहार पर है.




