
पटना
राज्य के 11 जिलों में केंद्रीय विद्यालय खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसमें मुजफ्फरपुर भी शामिल है। मुख्य सचिव ने मुजफ्फरपुर समेत सभी संबंधित जिलों के समाहर्ता को इससे अवगत कराया है। उन्होंने एक माह में इसके लिए उपयुक्त भूमि चयन करते हुए शीघ्र प्रस्ताव भेजने को कहा है।
इसके आलोक में शिक्षा विभाग के सचिव ने भी पत्र भेजकर इसकी जानकारी देते हुए इसे प्राथमिकता देने का अनुरोध किया है। जिससे विद्यालय के निर्माण की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा सके। बताया गया कि मुख्यमंत्री ने प्रगति यात्रा के चौथे चरण के दौरान इसकी घोषणा की थी।

उन्होंने कहा था कि जहां पर केंद्रीय विद्यालय के निर्माण की आवश्यकता है अथवा प्रस्ताव प्राप्त होता है तो वहां शीघ्र इसकी प्रक्रिया पूरी की जाए। इसके बाद मुजफ्फरपुर के अलावा पूर्णिया, पूर्वी चंपारण, सिवान, सारण, वैशाली, दरभंगा, बेगूसराय, औरंगाबाद, बक्सर और गोपालगंज में केंद्रीय विद्यालय खोलने की हरी झंडी दे दी गई।
अब भूमि उपलब्ध कराने की दिशा में कवायद तेज कर दी गई है। इसके साथ माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के सचिव वैद्यनाथ यादव ने सभी समाहर्ताओं को इसकी जानकारी दी है। साथ ही उन सभी से भी प्रस्ताव देने को कहा है। ताकि अन्य जिलों में भी अतिरिक्त केंद्रीय विद्यालय की स्थापना की जा सके। हालांकि 11 जिलों के अलावा अन्य किसी जिले से प्रस्ताव नहीं भेजा गया है।
छात्र-छात्राओं को मिलेगा बेहतर अवसर:
विदित हो कि जिले के गन्नीपुर और झपहां में वर्तमान में केंद्रीय विद्यालय का संचालन किया जा रहा है। अगर अतिरिक्त विद्यालय का निर्माण होगा तो हजारों छात्र-छात्राओं के लिए बेहतर अवसर प्राप्त होगा। मुख्य सचिव और शिक्षा विभाग के पत्र के आलोक में जिले में भूमि चिह्नित करने की कवायद शुरू कर दी गई है।
सभी अंचलाधिकारियों से उपयुक्त स्थल चयन कर प्रस्ताव देने को कहा गया है। ताकि इसमें से किसी एक अंचल में बेहतर भूमि का चयन किया जा सके।
विदित हो कि पूर्व में सकरा में केंद्रीय विद्यालय निर्माण की प्रक्रिया शुरू हुई थी, लेकिन उपयुक्त स्थल नहीं मिलने समेत अन्य कारणों से बात आगे नहीं बढ़ सकी। अब एक बार फिर से इसके निर्माण की कवायद चल रही है।

यूनिफॉर्म में ही विद्यालय आएंगे सरकारी स्कूलों के बच्चे
सरकारी स्कूलों के बच्चों को अब पोशाक में ही विद्यालय आना होगा। स्कूलों के प्राचार्य इसे सुनिश्चित कराएंगे। छात्र-छात्राओं को इस महीने पोशाक की राशि उपलब्ध करा दी जाएगी। सभी छात्र-छात्राओं को चार सेट पोशाक के लिए राशि उपलब्ध होगी। स्कूलों को प्रधानाध्यापक छात्र-छात्राओं को यह अनुशासन सिखाएंगे कि वे पोशाक में ही विद्यालय आएं।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सभी जिलों के डीइओ को यह निर्देश जारी किया है। इस आधार पर जिला शिक्षा विभाग की ओर से सभी स्कूलों के एचएम को जानकारी दी गई है। अप्रैल महीने में छात्र-छात्राओं को किताबें, कापी, पेंसिल और पोशाक की राशि उपलब्ध कराई जानी है। दूसरी ओर स्कूलों के लाइब्रेरी में काफी पुस्तकें उपलब्ध हैं। ऐसे में पुस्तकालय और पुस्तकों का सही इस्तेमाल करना बच्चों को सिखाया जाएगा।
दूसरी ओर पहली कक्षा के लिए सारी गतिविधियां रुचिपूर्ण होगी। इससे नए विद्यार्थियों को सीखने के लिए बेहतर अवसर उपबल्ध हो सकेगा। स्कूलों में पहले सप्ताह में ऐसे कार्य किए जाएंगे ताकि इससे छोटे- छोटे बच्चे विद्यालय के कार्यकलाप से उत्साहित होकर अपना शैक्षणिक जीवन प्रारंभ करेंगे। विद्यालय के पोषण क्षेत्र में मुखिया के स्तर पर, वार्ड सदस्य के स्तर पर और जीवीका के स्तर पर बैठक कर पोषण क्षेत्र के सभी बच्चों का कक्षा एक में नामांकन कराया जाएगा।
आधारभूत संरचना का सर्वेक्षण इस माह
इस महीने जिले के विद्यालयों में आधारभूत संरचना का सर्वेक्षण होगा। स्कूल की बाउंड्री, शौचालय, पेयजल की व्यव्सथा, टंकी के साथ-साथ सबमर्सिबल पंप, अतिरिक्त कक्षाओं के निर्माण की जानकारी प्राप्त की जाएगी। पूरे जिले में विद्यालयों केसर्वेक्षण के बाद मई में डाटा का समेकन किया जाएगा। इसके बाद पूरे राज्य में छूटे हुए निर्माण के लिए एक साथ स्वीकृति मिलेगी।
अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि नए शैक्षणिक सत्र में स्कूलों में शैक्षणिक वातावरण में सुधार लाने के लिए सभी शिक्षक अपना योगदान दें। दूसरी ओर मई महीने में सरकारी स्कूलों में होने वाली परीक्षा के लिए ई- शिक्षाकोष पर प्रश्न पत्र उपलब्ध कराए जाएंगे।



