
अरेराज
बाबा सोमेश्वर नाथ के ऐतिहासिक भूमि पर विगत 7 दिनों से चलने वाले भागवत कथा कि सातवें दिन की कथा में क्षेत्र के एक से एक हस्ती ने भाग लिया।इस मौके पर क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए आध्यात्मिक गुरु पंडित कमलापति त्रिपाठी के द्वारा प्रशस्ति पत्र अंग वस्त्र एवं मोती की माला देकर सम्मानित भी किया जा रहा है.।जो क्षेत्र में एक चर्चा का विषय है।
अध्यात्म के क्षेत्र में शिक्षा के क्षेत्र में पत्रकारिता के क्षेत्र में अधिवक्ता के क्षेत्र में इतना ही नहीं बेहतर कृषि करने वाले किसान को भी सम्मानित किया जा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक भागवत भ्रमर में मानव चिंतामणि महेन्द्र चतुर्वेदी जी महाराज ने भागवत कथा के सातवें दिन गोपि बिरहा गीत में भक्तों को रोने के लिए मजबूर कर दिए।जब उधो बाबाउद्धो भगवान श्री कृष्ण को लेकर जा रहे हैं कंस के दरबार में गोपिया बिरह हे रोने लगती है।जी कथा को देखकर पंडाल के भक्तो के आंसू नहीं रोका जा सकारहा।एक बहुत ही भक्तिमय माहौल बन गया। भगवान कृष्ण के प्रेम में भक्तों ने ऐसा सूनापन महसूस कर रहे थे जैसा लग रहा था कि भगवान कृष्ण यहां साक्षात उपस्थित है और कथा स्रोता के रूप में भक्त अपने आप को गोपी समझ रहे थे,ऐसा भाव देखने को मिल रहा था। मौके नगर अध्यक्ष अमितेश पांडे,राधेश्याम यति, डॉ सत्यप्रकाश आर्य, कृष्णा मिश्रा,प्रो प्रभाकर तिवारी, ज्ञानप्रकाश आर्य, अधिवक्ता चुमन वर्मा, धर्मेंद्र तिवारी, सुनील पांडेय, जयशंकर तिवारी, मनोज झा,रितेश मिश्रा,अजित चौरसिया सरपंच राजेश्वर सिंह जदेश्वर त्रिपाठी अखिलेश्वर त्रिपाठी, वाचस्पति त्रिपाठी, प्रजापति त्रिपाठी,संजय त्रिपाठी कथा यज्ञ के सह व्यवस्थापक मे डॉ तिरुपति त्रिपाठी यज्ञ के आचार्य पंडित मदन शास्त्री सहित हजारों की संख्या में भक्तगण झूम रहे थे।







