प्रकृति की रक्षा करना ही श्रीमद् भागवत कथा का उद्देश्य : आचार्य महेंद्र चतुर्वेदी

रामपुरवा,अरेराज

सोमेश्वर नाथ की पावन पवित्र नगरी जय अंबिका आंख अस्पताल रामपुर छपकहिया में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत महापुराण की कथा में भक्तों की अपार भीड देखने को मिली।जहां भक्त ज्ञान रूपी सागर में गोता लगा रहे थे। अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक भागवत भ्रमण एवं मानस चिंतामणि आचार्य पंडित महेंद्र चतुर्वेदी जी महाराज श्रीमद् भागवत महापुराण की छठे दिन की कथा में गोवर्धन लीला,गोपी गीत, अकाशुर और बकासुर माता पुतना का उद्धर की कथा कही। गोवर्धन पूजन कराया और भक्तों से छोटी सी अपील की भगवान श्री कृष्ण ने अहंकारी इंद्र के पूजा के स्थान पर प्रकृति की पूजा की.।21 कोष के गोवर्धन पर्वत की पूजा की।जिससे दुःखी होकर इंद्र ने प्रलयकारी बरसात कराया लेकिन गोपीयो का कुछ नहीं हुआ क्योंकि वे प्राकृतिक के शरण में थे। प्राकृतिक हमें शुद्ध वायु, शुद्ध जल शुद्ध अन्न देकर हमारी रक्षा करती है। इसलिए प्राकृतिक के प्रति सच्ची श्रद्धा ही पूजा है,। प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए अधिक से अधिक वृक्षो को लगाने सभी भक्तों के दरवाजे पर आंवला का वृक्ष तुलसी का वृक्ष बेल का वृक्ष लगाने कि अपील की। नदी में गन्दी पानी न गिराने कुडा करकट न फेंकने की भी अपील की।

वही संयोजक आध्यात्मिक गुरु पंडित कमलापति त्रिपाठी ने अपने संबोधन में कहा कि मनुष्य मात्र का एक ही उद्देश्य है येनकेन प्रकारेण मनःकृष्णं निवेषयेत् अर्थात जिस किसी भी प्रकार से हो मन को भगवान श्री कृष्ण के चरणों में समर्पित करना। मानव मात्र का उद्देश्य है। पुर्व विधायक श्री राजन तिवारी जी ने गोवर्धन पूजन और परिक्रमा की महत्ता बताई जिससे सारे लोग आह्लादित हुए। डॉ लालाबाबू प्रसाद जी उपमेयर मोतिहारी ने श्रीमद् भागवत कथा में भक्तों के समलिल होने पर खुशी जताई। चंद्रशील ट्रस्ट की के निदेशक श्री राजीव रंजन द्विवेदी जी ने भागवत कथा में सम्मिलित होकर अपने जीवन को धन्य माना।बिहार स्टेट सेंट्रल बैंक ऑफिसर्स एसोसिएसन के प्रदेश महामंत्री श्री मृत्युंजय मिश्रा ने चंपारण के ऐतिहासिक धरती को नमन करते हुए कहा यह चंपारण के यह वह धरती है जिस धरती से गज और ग्राह की लड़ाई प्रारंभ हुई। यह धरती वह है जहां लव कुश ने राम के घोडे को बाधा।यह वह धरती जहां से सत्याग्रह आंदोलन प्रारंभ हुई थी।यह वह धरती है जिसने मोहनदास करम चंद्र गांधी को महात्मा बना दिया। इसी ग्राम में जन्मे आध्यात्मिक गुरु पंडित कमलापति त्रिपाठी शिक्षा के क्षेत्र में एक महान हस्ती का नाम है इन्होंने सनातन धर्म के लिए जो कर रहे हैं वह अनुकरणीय है और ऐसे विद्वानों पर आज चंपारण गर्व कर रहा है और यहां महाराज श्री को बुलाकर एक विशेष अनुग्रह और कृपा की है। वहीं दिल्ली धार्मिक न्यास परिषद के अध्यक्ष जितेंद्र शर्मा सेंट्रल बैंक के वरीय अधिकारी यशराज फोरेंसिक टेरर फाइनेंस और एंटी मनीलाउंडरिंग के राष्ट्रीय स्तर के प्राध्यापक डॉक्टर मृणाल मिश्रा ,मनमोहन श्रीवास्तव, मणि भूषण तिवारी,मणि भूषण श्रीवास्तव, बद्री नारायण पांडे,धनंजय मिश्रा, सोमेश्वर नाथ तिवारी मंच से सम्मानित हुए।।

मंच का संचालन आध्यात्मिक गुरु पंडित कमलापति त्रिपाठी ने किया।वहीं दिव्य झांकी दर्शन का भी भक्तों ने आनंद लिया। समस्त मातृ शक्ति और भक्तों ने भाव नृत्य में अपने आप को प्रफुल्लित किया। समस्त त्रिपाठी परिवार के लोग व्यवस्था में लगे रहें वहीं सह व्यवस्थापक डॉ तिरुपति त्रिपाठी ने समस्त आगंतुकों का स्वागत मिला, चादर और पुष्प किया। हजारों की संख्या में भक्त भक्ति भाव मेरे डूबे रहें। ज्यादेश्वर त्रिपाठी,अखिलेश्वर त्रिपाठी, वाचस्पति त्रिपाठी,प्रजापति त्रिपाठी सुनील त्रिपाठी अजय त्रिपाठी संजय त्रिपाठी अरविंद त्रिपाठी अनिल त्रिपाठी , विजय त्रिपाठी विनय त्रिपाठी, पप्लू त्रिपाठी रविन्द्र पांडेय, अजीत कुमार, मणि भूषण तिवारी, धर्मेंद्र तिवारी,जयशंकर तिवारी सुनील पांडेय,मनोज झा , रितेश मिशा, प्रवीण पांडे, आदर्श कुमार, सतीश कुमार सिंह आदि लोग उपस्थित हुए। श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के आचार्य श्री मदन मोहन शास्त्री जी ने षोडशोपचार गोवर्धन कराया।

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