
पटना
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान यह कहा कि शिक्षा के अधिकार (Right To Education Act) कानून के तहत काम नहीं करने वाले स्कूलों पर एक्शन होगा। इस मसले पर अध्यक्ष के आसन के समक्ष (वेल) में हंगामा कर रहे विपक्ष के विधायकों को उन्होंने कहा कि हमें लिखकर दीजिए। जरूरी होगा तो एक्शन होगा।
वेल में विपक्ष के विधायक नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे खिलाफ जो करना है करिए, हम तो आपकी तारीफ करेंगे। मुख्यमंत्री ने विपक्ष के विधायकों को आग्रह किया कि आप अपनी सीट पर जाकर बैठ जाइए।
सीएम के आग्रह पर सीट पर बैठ गए विपक्षी विधायक
मुख्यमंत्री के संबंधित स्कूलों पर एक्शन की घाेषणा का विपक्ष के विधायकों ने स्वागत किया और उनके आग्रह पर अपनी सीट पर जाकर बैठ गए। इसी क्रम में विपक्ष ने मुख्यमंत्री को आरटीई के उल्लंघन के मामले में लिखित सूचना उपलब्ध करा दी।

मुख्यमंत्री तुरंत अपनी सीट से पुन: खड़े हुए और शिक्षा मंत्री सुनील कुमार को कहा कि पूरी जांच कराएं। अधिकारियों की दीर्घा में बैठे शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ को इस पूरे मामले की जांच का निर्देश दिया।
दरभंगा के विधायक ने उठाया ये मामला
दरभंगा ग्रामीण के विधायक ललित कुमार यादव ने इस विषय को उठाया था। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी निजी स्कूलों को शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत अलाभकारी समूह और कमजोर वर्ग के 10-10 बच्चों का नामांकन प्रत्येक वर्ष कक्षा एक में लेना है। डीपीएस, डी ए भी पटना व डीवाई पाटिल इंटरनेशनल स्कूल सहित पूरे राज्य के निजी विद्यालयों द्वारा कमजोर वर्ग के बच्चों का नामांकन आरटीई के तहत नहीं किया जा रहा।
उस स्थान पर सामान्य बच्चों का नामांकन लिया जा रहा। आरटीई के तहत नामांकन नहीं लेने व सैंडी पोर्टल पर इसे साझा नहीं करने वाले निजी विद्यालय संचालकों पर सरकार कौन सी कार्रवाई करना चाहती है? इसी सत्र में एक विद्यालय में दो और एक में एक भी नामांकन नहीं हुआ है।
शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने इस प्रश्न के जवाब में कहा कि यह सही है कि आरटीई के तहत नामांकन लक्ष्य के हिसाब से कम है। जिन जिलाें में आरटीई के तहत नामांकन नहीं हुआ है वहां के जिला शिक्षा पदाधिकारी को संबंधित स्कूलों से स्पष्टीकरण पूछने का निर्देश दिया गया है।
समीक्षा के क्रम में यह बात सामने आयी है कि कुछ विद्यार्थी सरकारी स्कूल में भी दाखिला ले लेते हैं और निजी विद्यालय में भी। इस कारण परेशानी हो रही थी। सरकारी व निजी दोनों विद्यालयों को आथार सीडिंग के लिए कहा गया है।
ढाका के विधायक पवन जायसवाल ने भी इसी प्रकृति का प्रश्न उठाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 4915 निजी विद्यालयों द्वारा शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत काम नहीं करने पर केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय उनके विरुद्ध कार्रवाई का निर्देश दिया है।


