
पटना
अब अपराध से अर्जित संपत्ति को जब्त करने के लिए लंबी प्रक्रिया का इंतजार नहीं करना होगा। नए कानून के तहत, विवेचना पदाधिकारी (IO) को विशेष अधिकार दिए गए हैं कि वे अपराध से अर्जित संपत्ति को कोर्ट में प्रस्तुत कर सकते हैं और 14 दिनों के भीतर संबंधित पक्ष को नोटिस देकर जवाब मांग सकते हैं। जवाब नहीं मिलने पर संपत्ति को अटैच किया जा सकेगा
सोमवार को बिहार पुलिस मुख्यालय में डीजीपी विनय कुमार ने प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी। उनके साथ विधि-व्यवस्था के अपर पुलिस महानिदेशक पंकज दराद भी मौजूद थे। डीजीपी ने बताया कि पहले आर्थिक अपराध इकाई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के माध्यम से ऐसी कार्रवाई की जाती थी, जिसमें काफी समय लगता था। अब नए प्रावधान के अनुसार IO सीधे कोर्ट में रिपोर्ट पेश करेगा। इसके बाद कोर्ट के आदेश पर संपत्ति को अटैच किया जाएगा।
1278 अपराधी चिह्नित, हर जिले में होगी कार्रवाई
डीजीपी ने बताया कि दिसंबर 2024 से अब तक पूरे राज्य में 1278 अपराधियों की पहचान की गई है, जिनके खिलाफ संपत्ति अटैचमेंट की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। प्रदेश के कुल 1249 थानों को इस बाबत निर्देशित किया गया है। जांच की प्रक्रिया में IO को SHO, सर्किल इंस्पेक्टर, SDPO और SP से अनुमोदन लेना होगा। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर के कुछ कुख्यात अपराधियों पर पहले भी कार्रवाई हो चुकी है। अब उनकी अवैध रूप से अर्जित संपत्ति पर प्रहार किया जा रहा है। इससे अपराधियों का मनोबल टूटेगा और अपराध करने की प्रवृत्ति में गिरावट आएगी।
भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस, विभागीय कार्रवाई भी तेज
प्रेस वार्ता में डीजीपी ने यह भी कहा कि बिहार पुलिस सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति पर काम कर रही है। भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने पर विभागीय कर्मियों पर कार्रवाई की जा रही है। विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत छह तरह की सजाओं का प्रावधान है, जिसमें अधिकतम तीन वर्षों तक की सजा हो सकती है।
साइबर अपराध बड़ी चुनौती, हर जिले में साइबर थाना
डीजीपी ने कहा कि साइबर अपराध बिहार पुलिस के लिए नई चुनौती बनकर उभरा है। इस पर लगाम लगाने के लिए प्रत्येक जिले में साइबर थाना खोला गया है। हालांकि, अपराध के अनुपात में मैनपावर की कमी है, जिसे दूर करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। डीजीपी ने बताया कि गंभीर मामलों में स्पीडी ट्रायल सुनिश्चित करने के लिए केस की समीक्षा की जा रही है। गवाहों को कोर्ट तक लाकर गवाही दिलाने की जिम्मेदारी पुलिस की है, जिस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
हत्या और अपहरण जैसे मामलों में कमी
डीजीपी विनय कुमार ने बताया कि आज से 20-25 साल पहले हत्या और फिरौती के लिए अपहरण के मामले ज्यादा होते थे, लेकिन अब इनमें उल्लेखनीय कमी आई है। उन्होंने कहा, “एक भी हत्या समाज के लिए असहनीय है, हमारा लक्ष्य है कि हत्या जैसे अपराध पूरी तरह समाप्त हों। उन्होंने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 20 जून को प्रस्तावित सिवान दौरे को लेकर मुकम्मल सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है। सुरक्षा में किसी भी प्रकार की चूक नहीं होने दी जाएगी।
VIP नंबर प्लेट, हूटर और अंडरएज ड्राइविंग पर कार्रवाई
डीजीपी ने चेतावनी दी कि जो लोग बिना अनुमति के VIP नंबर प्लेट या हूटर लगाकर घूम रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। आने वाले समय में अंडरएज ड्राइविंग पर विशेष अभियान चलाया जाएगा।