पत्रकार पंकज कुमार बने कलाकार,एक्टिंग ऐसी जो दिल को छू जाये

संतोष राज पाण्डेय

पत्रकार से पंकज कब कलाकार बन गये इस उधेड़बुन में मैं लगा रहा। पत्रकारिता के तेवर को लेकर विख्यात पंकज कुमार की दोस्ती बहुत पुरानी है हमारी। सहारा न्यूज़ नेटवर्क में साथ हम जुड़े और वर्षों बाद भी न जान सका था कि पंकज में एक छुपा ऐसा कलाकार भी है जो हर किरदार में फिट बैठने का मास्टर की है। खैर मीडिया के माध्यम से हमे भी जानकारी मिली कि पंकज स्टेज शो कर रहे है। आधुनिकता के इस दौर में लोग जहां नाटक की कल्पना नही करते वहां रश्मि रथी के मंचन में पंकज को देख मन प्रफुल्लित हो उठा। बाद में जानकारी हुई कि पंकज एक डॉक्यूमेंट्री में भी काम कर रहे है। मित्र की रहस्यमय कामयाबी देख मन प्रफुल्लित हो उठा। जानकारी मिली कि डालसा सारण द्वारा सारण पुलिस एवं जिला प्रशासन के सहयोग से प्रस्तुत जग रोशनी बिहार इंटरटेनमेंट कृत बालिकाओं के अनैतिक व्यापार पर आधारित Short Film ‘अंधेरे में एक किरण’ की शूटिंग सम्पन्न हो गयी और अब पोस्ट प्रोडक्शन का काम भी पूरा हो गया।  सीपीएस में पुनीत कुमार गर्ग, प्रधान जिला जज एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष डालसा सारण द्वारा नारियल फोड़ कर व क्लैप देकर दूसरे दो दिवसीय शूटिंग शेड्यूल का शुभारंभ किया गया था।

मौके पर डालसा सारण के सचिव धर्मेंद्र कुमार पांडेय, बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग के पूर्व अपर सचिव आनंद बिहारी प्रसाद, सीपीएस ग्रुप के चेयरमैन डॉ हरेन्द्र सिंह, निर्माता बिपिन बिहारी श्रीवास्तव, निर्देशक डॉ अमित रंजन, लायन विकास कुमार सिंह, अभिलाषा ज्योति फाऊन्डेशन, पटना की अध्यक्ष ज्योति श्रीवास्तव, रंगकर्मी कंचन बाला फिल्म के तकनीशियन और कलाकार मौजूद थे। गौरतलब हो कि इसके पहले शूटिंग शेड्यूल का शुभारंभ नारियल फोड़ कर और क्लैप देकर एसपी डॉ कुमार आशीष ने किया था।

बताते चलें कि अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस पर 11 अक्टूबर को भिखारी ठाकुर प्रेक्षागृह में आयोजित आवाज दो कार्यक्रम में डालसा, सारण पुलिस और जिला प्रशासन की अनु प्रेरणा से सीपीएस और इप्टा के कलाकारों द्वारा ‘अंधेरे में रोशनी की एक किरण’ नाटक लेखक निर्देशक डॉ अमित रंजन का आशातीत सफल मंचन किया गया था। इसी नाटक की पृष्ठभूमि पर शार्ट फिल्म का निर्माण किया गया ।

इसका कंसेप्ट खुद प्रधान जिला जज का है एसपी, डीएम और सचिव के मार्गदर्शन में शार्ट फिल्म की कथा पटकथा संवाद और निर्देशन डॉ अमित रंजन ने, गीत संगीत कंचन बाला, बैकग्राउंड स्कोर टुन्नू तनहा, नृत्य मो आरिफ, ड्रेस एवं मेकअप तथा मुख्य सह निर्देशन रंजीत भोजपुरिया, सह निर्देशन आशीष कुमार सिंह और आयुषी परासर का है।

छपरा में पंकज का नाम किसी परिचय का मोहताज नही है। इस फ़िल्म में उनका किरदार भी जीवंत रूप से काम किया है। किशोरियों को जागरूक करने की यह एक बेहतरीन फ़िल्म है जिसे सरकार द्वारा पुरस्कृत भी होना चाहिए।

शार्ट फिल्म का निर्माण वरिष्ठ रंगकर्मी फिल्मकार बिपिन बिहारी श्रीवास्तव द्वारा किया गया है। मुख्य कलाकारों में अर्चिता माधव, संभव संदर्भ, प्रिया श्रीवास्तव, राजमणि, श्रेया सिंह, सागर कुमार, पत्रकार पंकज कुमार, डॉ के एम दूबे, श्रेया श्रीवास्तव, आयुषी परासर, शैलेन्द्र कुमार शाही, कंचन बाला, मो नसिरुद्दीन, श्रेयसी, यशी, गुंजन, दिव्याश, श्रुति, भाव्या, प्रियंका, कीर्ति, शुभम राज आदि 40 से ज्यादा कलाकारों ने काम किया है।एक रोज मैंने पंकज से इस फ़िल्म का लिंक मांगा और पूरी फिल्म देखी। बहुत अच्छा लगा

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